एटम बम का परमाणु
एटम बम के गढ़ में बैठा वो परमाणु इठलाता है, दिखाता है धौस, डराता है बस एक आँख के इशारे भर से। अक्लमंद समझता है की जैसे है बस वो ही सशक्त, सार्थक और सुरक्षित। किन्तु विस्फोट के बाद कोटि अणुओं के साथ मिलाता हुआ आलाप बिलबिलाता हुआ, चिथड़ो में कौतुहल के बीच पश्चाताप में झुलसता रोता भी है वो एटम बम का परमाणु। इस धरती की मौत के मातम में रहोगे तुम भी कलपते, अकुलाते अपने AC वाले घर में बैठे तुम्ही तो हो वो एटम बम के परमाणु।