आवश्यकता: एक शब्दकोष की
क्या कोई लायेगा शब्दकोष मेरे लिए
या देगा भेंट यूँ ही कभी
की मन में भावना का वेग उमड़ रहा है
सरसराता फिसल रहा आँखों के गड्ढो से
स्तनों के बीच तक
या मेरी जिव्हा पर ही।
पर पहुँच नहीं पा रहा है
शब्दरूप में
मेरी डायरी के पन्नो तक।
ऐसे क्षण की अपेक्षा शायद की नहीं थी कभी
मैंने या मेरे अध्यापको ने ही
इसलिए बिन शब्दावली
मात्र कुछ अंको के सहारे ही
ढुन्ढने को भेज दिया था अपना रास्ता।
अब कहीं और आ पहुंची हूँ
और पीछे जाना मुमकिन नही
समय निकल रहा है
क्या पहुचेगा मुझ तक कोई शब्दकोष!
या भावनाएं मेरी
निर्मूल्य, तुच्छ
सिमट जाएगी इसी क्षण में
और फिर रेडियो का गाना
आएगा कचरा उठाने के लिए।
शब्द अगर
ReplyDeleteभावनाओं के उमड़ को
यूं बांध पाते
तो हर कवि
बटोरता
सिर्फ एक कविता
और अनेक
शब्दकोष
"और फिर रेडियो का गाना
ReplyDeleteआएगा कचरा उठाने के लिए।"
Very nice